शरीर में ऊर्जा का सही तरीके से प्रवेश होना जरूरी
अखिल भारतीय श्वेतांबर महिला संघ की नई कार्यकारिणी का पहला कार्यक्रम
इंदौर, 23 अप्रैल 2022।
जिस शरीर के साथ पूरा जीवन जीना होता है, उसी को कई बार हम अनदेखा कर देते हैं। एक समय बाद शरीर साथ देना छोड़ देता है और फिर हम बीमार होकर उसका इलाज करवाते हैं। ये बात इंदौर की माँ गार्गी और जोधपुर की माँ मैत्री ने अभय प्रशाल में 'नया दृष्टिकोण वाला शिविर - शिकायत नहीं समझ' जैन महिला संघ के कार्यक्रम में करवाए।
अखिल भारतीय श्वेतांबर जैन महिला संघ (केंद्रीय इकाई) ने आज अभय प्रशाल में इस कार्यक्रम का आयोजन किया। नई कार्यकारिणी के गठन के बाद महिला संघ का ये पहला कार्यक्रम रहा। सही खाना, सही मेडिटेशन और सही व्यायाम पर बात की गई। पूज्य परम आलय जी के 'सन टू ह्यूमन फाउंडेशन' के परम मित्रों ने मौके पर मेडिटेशन और व्यायाम भी करवाया। कार्यक्रम में कई समाज के कई पुरूष भी शामिल हुए। कार्यक्रम में कई तरह के प्रयोग करवाए गए।
प्रयोग करवाते हुए परम् मित्रों ने कहा कि सही आहार, सही व्यायाम और सही मेडिटेशन से ही शरीर में ऊर्जा का निर्माण होता है और यही ऊर्जा शरीर को गति प्रदान करती है। ऊर्जा विहीन व्यक्ति मानसिक तनाव, बीमारी, आनंद में नहीं रहता, शिकायत से भरा रहता है, इसलिए जरूरी है कि बाहर बह रही ऊर्जा को सही तरीके से पहले ग्रहण किया जाए।
कार्यक्रम में सही तरीके से खड़े होने के साथ ही एकाग्र होने के तरीकों पर भी बात की गई। सही भोजन को लेकर परम मित्रों ने कहा कि शरीर पंचतत्व से मिलकर बनता है। ये पंचतत्व शरीर में भोजन से जाते हैं। विकृत भोजन नकारात्मक भाव के साथ ही शरीर को बीमारियां देगा, इसलिए शरीर, मन और चेतना के लिए सही आहार लेना भी बेहद जरूरी है। कार्यक्रम में महिला संघ की अध्यक्ष निशा संचेती, संस्थापक अध्यक्ष रेखा जैन सहित बड़ी संख्या में महिलाएं और पुरुष शामिल हुए।
ऊर्जा ग्रहण करने के लिए करवाये गए प्रयोग
घुटने मोड़ते हुए तेज ताली बजाना। ये देखे कि नाभि की सीध में हाथ हो और ताली तब तक बजाना है, जब तक हाथों में लाली ना आ जाए।
नाभि के समान्तर हथेलियां रखकर खुद को महसूस करना और हथेलियों के कम्पन्न को महसूस करना। लंबी गहरी सांसे लेते हुए खुद के बारे में सोचना। बाहरी दुनियां से कोई आपके विचारों में आपके साथ ना हो।