इंदौर । शिखरध्वज । पारस जैन "पार्श्वमणि"

देवी अहिल्या की पावन वसुंधरा धर्म प्राण नगरी इंदौर में अभी हाल ही में जैन धर्म दर्शन के आधार पर "वीर गोम्टेशा" फ़िल्म आईनॉक्स सिनेमाघरों ने रिलीज हुई

सम्पूर्ण इंदौर जैन समाज ने खूब सराहा एवं इसकी मुक्त कण्ठ से प्रशंशा की। सबसे बड़ी बात यह है कि इस फिल्म में जैन युवा पीढ़ी जो धर्म के प्रति आस्था नहीं रखती हैं वो धर्म के प्रति कैसे आस्थावान होती है उसका बड़ा ही सुंदर फिल्मांकन किया गया है वह देखते ही बनता है । जैन साधु दिगम्बर क्यों होते है। संथारा, सल्लेखना जैसे विषय को बहुत ही प्रभावी तरीके से उठाया।भगवान गोम्टेश के तप, त्याग और साधना की महिमा गरिमा के दिग्दर्शन महामस्तकाभिषेक, कोर्ट के दृश्य ह्रदय को छू जाते हैं फ़िल्म की लोकेशन्स बहुत अच्छी है ।

एक युवा की कहानी जो जैन होते हुवे भी नास्तिक रहता है वो भगवान गोमटेश बाहुबली महामस्तकाभिषेक समारोह की मीडिया कवरेज करने के लिए जाता है । वहाँ जा कर धीरे धीरे किस तरह जैन धर्म के मर्म को बारीकी से समझता है। नास्तिकता से आस्तिकता की यही यात्रा इस फ़िल्म की जान है फ़िर वह एक सच्चा श्रावक बन जाता है। वर्तमान समय मे जो युवा धर्म से दूर है उनके लिए यह मूवी वरदान सिद्ध होगी धर्म की बड़ी सरल व्याख्या की गई है।

ये फ़िल्म नए कीर्तिमान स्थापित करेगी, 11 नवम्बर 2021 को यह फ़िल्म पूरे भारत वर्ष के शहरों में दिखाई जाएगी। आईनॉक्स सिनेमाहॉल से लिंक किया गया है।

फ़िल्म के युवा निर्देशक  शशांक-शैलेन्द्र जैन हैं। प्रोड्यूसर:-कवर पिक्चर्स श्री शैलेन्द्र जैन,  एसोसिएट प्रोड्यूसर एवं कास्टिंग साधना मादावत रँगशाला फ़िल्म प्रोडक्शन एसोसिएट प्रोड्यूसर। सौरभ जैन रेड डॉट सिनेमा मीडिया प्रभारी मनीष काला जैन प्रोड्क्शन हेड शुभम जैन है। कुल मिलाकर यह मूवी एक बार सभी को जरूर देखना चाहिए। एक दिव्य सन्देश मिलता है।